भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई थी?
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे कि भारत में सबसे पहले शुरुआत कब हुई और इसकी क्या स्पीड थी और सबसे पहले इसका उपयोग किस शहर में हुआ था।
भारत में इंटरनेट का सफर रोमांचक और परिवर्तनकारी रहा है। इसके उपयोग से देश ने डिजिटल युग में कदम रखा और यह तकनीकी प्रगति का प्रतीक बन गया।
नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से समझते हैं कि भारत में इंटरनेट की शुरुआत कैसे हुई:
1. शुरुआत का दौर (1986-1987)
· भारत में इंटरनेट की शुरुआत 1986-87 में हुई जब ‘इंडियन एजुकेशनल एंड रिसर्च नेटवर्क (ERNET)’ प्रोजेक्ट की स्थापना हुई।
· इसको वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और अमेरिका के यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) ने मिलकर शुरू किया।
· शुरुआत में यह प्रोग्राम केवल शैक्षणिक और शोध संस्थानों तक सीमित था।
2. औपचारिक लॉन्च (15 अगस्त 1995)
· भारत में आम लोगों के लिए इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 को लॉन्च की गई।
· इस सेवा को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने शुरू किया।
· शुरुआत में इंटरनेट की स्पीड 9.6 kbps थी जो आज के मुकाबले बहुत धीमी थी।
3. पहला ईमेल और इंटरनेट का इस्तेमाल
· भारत में सबसे पहला ईमेल 1980 के दशक में भेजा गया था जो भारत की विदेश व्यापार शाखा और अमेरिका के बीच संचार के लिए हुआ था।
· भारत में 1990 के दशक तक इंटरनेट मुख्य रूप से बड़े संगठनों और सरकारी कार्यों के लिए उपयोग किया जाता था
4. इंटरनेट कैफे का दौर
· भारत में 1998-2000 के दौरान देशभर में इंटरनेट कैफे का विस्तार हुआ।
· यह वह समय था जब आम लोग सस्ते दरों पर इंटरनेट का आनंद लेना शुरू कर सके।
5. मोबाइल इंटरनेट और 3G/4G की क्रांति
· भारत में 2008 में 3G तकनीक और 2016 में 4G के आने के बाद इंटरनेट की पहुंच तेजी से बढ़ी।
· भारत में जियो के लॉन्च के बाद इंटरनेट सस्ता और अधिक सुलभ हो गया, जिससे करोड़ों लोग ऑनलाइन हुए।
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6. डिजिटल इंडिया का सपना
· 2015 में भारत सरकार ने “डिजिटल इंडिया” पहल की शुरुआत की।
· इसका उद्देश्य देशभर में इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल सेवाओं को सुलभ बनाना था।
7. आज का युग
· भारत आज दुनिया में सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स वाला दूसरा देश है।
· 5G तकनीक के आने से यह क्षेत्र और भी उन्नति की ओर बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
भारत में इंटरनेट की शुरुआत ने देश को डिजिटल रूप से सशक्त किया और आज यह हर क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। 1995 से लेकर अब तक का यह सफर तकनीकी विकास की शानदार मिसाल है।