Hello Students जैसा की आप सभी जानते हैं की आजकल जब हर चीज़ टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है, तो यह सवाल बहुत जरूरी हो जाता है कि हमारे बच्चे इसके लिए कितने तैयार हैं? Artificial Intelligence यानी AI अब सिर्फ साइंस फिक्शन फिल्मों तक सीमित नहीं रहा। वो हमारे मोबाइल फोन, स्कूल की पढ़ाई, हेल्थकेयर, बैंकिंग, गाड़ियों, गेमिंग, और यहां तक कि खेती तक में अपनी जगह बना चुका है। ऐसे में बच्चों को AI सिखाना अब कोई ऐच्छिक चीज़ नहीं रह गई, ये वक्त की ज़रूरत बन चुकी है। तो आइए जानते हैं बच्चों को AI सिखाना क्यों ज़रूरी है? के बारे में।
भारत सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए एक बेहद खास पहल की शुरुआत की है जिसका नाम है SOAR योजना। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बच्चों को AI क्यों सिखाना जरूरी है, SOAR योजना क्या है, इसके फायदे क्या हैं और भविष्य में इसका क्या असर पड़ने वाला है।

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1. आज के बच्चे, कल के इनोवेटर
हमारे बच्चे आज के डिजिटल युग में पैदा हुए हैं। उन्हें मोबाइल फोन, स्मार्ट टीवी, इंटरनेट और यूट्यूब जैसे टूल्स से पहले दिन से ही लगाव हो जाता है। लेकिन सोचिए, अगर इन्हीं बच्चों को AI और टेक्नोलॉजी की सही जानकारी शुरू से दी जाए, तो वो सिर्फ टेक्नोलॉजी के यूजर नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी के क्रिएटर बन सकते हैं।
AI सिखाने से बच्चों में problem-solving, logical thinking, data understanding और क्रिएटिविटी जैसी स्किल्स डेवलप होती हैं, जो आगे चलकर किसी भी क्षेत्र में उन्हें कामयाब बना सकती हैं।
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2. भारत सरकार की SOAR योजना क्या है?
SOAR का मतलब है: Schools Open for AI Readiness.
ये भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP 2020) के विज़न के तहत शुरू की गई है। इस योजना का मकसद है कि स्कूल स्तर पर ही बच्चों को AI, मशीन लर्निंग, कोडिंग, डेटा साइंस और टेक्नोलॉजी के दूसरे पहलुओं से परिचित कराया जाए।
SOAR योजना के तहत सरकार ने स्कूलों को टेक्निकल रिसोर्सेज, ट्रेनिंग प्रोग्राम, और AI-कैरिकुलम मुहैया कराने शुरू कर दिए हैं, जिससे बच्चे भविष्य के लिए तैयार हो सकें।
AI और SOAR योजना से जुड़ी जानकारी:
Main Points | Details |
---|---|
योजना का नाम | SOAR (Schools Open for AI Readiness) |
शुरू करने वाली संस्था | भारत सरकार (शिक्षा मंत्रालय और CBSE) |
उद्देश्य | स्कूली बच्चों को AI, कोडिंग और टेक्नोलॉजी की समझ देना |
शुरुआत किस कक्षा से | कक्षा 6 से 12वीं (कुछ स्कूलों में 4वीं से) |
क्या सिखाया जा रहा है | AI बेसिक्स, डेटा, एल्गोरिद्म, Visual Tools, प्रोजेक्ट बनाना |
पढ़ाने का माध्यम | स्कूल में क्लासेस, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ट्रेनिंग मॉड्यूल |
माता-पिता की भूमिका | बच्चों को प्रोत्साहन देना, सही ऐप्स और प्लेटफॉर्म से जोड़ना |
टीचर की ट्रेनिंग | गवर्नमेंट द्वारा ऑनलाइन ट्रेनिंग उपलब्ध |
भविष्य का फायदा | AI आधारित करियर, Problem Solving Skills, Ethical Tech Use |
AI को सीखने से क्या होगा | बच्चा केवल यूज़र नहीं, क्रिएटर बनेगा |
3. बच्चों को AI क्यों सिखाना ज़रूरी है?
अब आप सोचेंगे कि बच्चा अभी तो चौथी या आठवीं में है, उसको AI क्यों सिखाएं? लेकिन ध्यान रखिए, AI एक ऐसा विषय है जिसमें धीरे-धीरे और रोचक तरीके से सिखाया जाए तो बच्चा उसे खेल-खेल में सीख सकता है। यहां हम आपको वो मुख्य कारण बता रहे हैं जिनकी वजह से बच्चों को AI सिखाना आज के समय में बेहद ज़रूरी है।
1. भविष्य की नौकरियाँ AI आधारित होंगी
2030 तक दुनिया की 70% से ज़्यादा नौकरियों में AI का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल होगा। ऐसे में अगर बच्चों को बचपन से ही AI की समझ होगी, तो वो इस बदलाव में पीछे नहीं रहेंगे।
2. Problem Solving और Critical Thinking में सुधार
AI सिखाने का तरीका ऐसा होता है जो बच्चों में सोचने की शक्ति और विश्लेषण करने की आदत बढ़ाता है। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
3. Ethical और Responsible Use सिखाना
AI सिखाने का मतलब केवल कोडिंग नहीं है। इसमें ये भी सिखाया जाता है कि टेक्नोलॉजी का जिम्मेदारी से कैसे इस्तेमाल करें। बच्चे सीखते हैं कि AI का गलत उपयोग नहीं होना चाहिए।
4. क्रिएटिविटी को नया पंख मिलता है
AI सिर्फ रोबोट या मशीन नहीं है, ये म्यूजिक, आर्ट, गेम्स और स्टोरीटेलिंग में भी काम आता है। बच्चों की रचनात्मक सोच को इससे नया रास्ता मिलता है।
5. राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार
दुनिया भर के देशों में AI पर तेज़ी से काम हो रहा है। अगर भारत के बच्चे इस क्षेत्र में शुरुआत से ही तैयार होंगे, तो वो वैश्विक स्तर पर भी प्रतियोगिता में टिक सकेंगे।
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4. SOAR योजना के तहत क्या-क्या सिखाया जा रहा है?
भारत सरकार ने CBSE और शिक्षा मंत्रालय के ज़रिए स्कूलों में एक AI-Ready curriculum तैयार किया है जिसमें शामिल हैं:
- AI के बेसिक कॉन्सेप्ट (जैसे डेटा, एल्गोरिद्म, मशीन लर्निंग)
- Visual Tools की मदद से AI को समझाना
- AI आधारित प्रोजेक्ट बनाना
- नैतिकता और जिम्मेदार टेक्नोलॉजी का व्यवहार
- स्मार्ट क्लासरूम के लिए Teacher Training

5. किस क्लास से शुरू हो रही है AI की पढ़ाई?
AI की पढ़ाई भारत में कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों के लिए शुरू की गई है। हालांकि कई निजी स्कूलों और राज्य सरकारों ने इसे कक्षा 4 से ही शुरू कर दिया है। इससे बच्चों को टेक्नोलॉजी से दोस्ती करने का समय मिलता है।
6. क्या AI पढ़ाना सभी स्कूलों में संभव है?
सरकार की कोशिश है कि हर सरकारी और निजी स्कूल तक ये योजना पहुंचे। इसके लिए:
- ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म पर कंटेंट उपलब्ध कराया गया है
- टीचर्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है
- स्कूलों को गाइडलाइंस और सपोर्ट डॉक्यूमेंट्स दिए जा रहे हैं
7. पैरेंट्स की भूमिका क्या होनी चाहिए?
Parents का रोल बहुत ज़रूरी है। उन्हें डरने की जरूरत नहीं है कि AI पढ़ाना मतलब जटिल कोडिंग करवाना है। AI की पढ़ाई बच्चों के दिमागी विकास के लिए है। माता-पिता को अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए, उन्हें AI से जुड़े ऐप्स और गेम्स से जुड़ने देना चाहिए और समय-समय पर उनके साथ इस विषय पर बात करनी चाहिए।
8. Future की तैयारी अभी से
आज बच्चे सिर्फ मोबाइल में गेम खेलते हैं, लेकिन अगर वही मोबाइल उनके लिए सीखने का ज़रिया बन जाए तो सोचिए कितना अच्छा होगा। AI से जुड़ी स्किल्स आने वाले दिनों में उतनी ही जरूरी होंगी जितनी आज Math और English हैं। इसलिए ये जरूरी है कि भारत के बच्चे शुरू से ही इस ज्ञान में मजबूत हों।
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Fact About: बच्चों को AI सिखाना क्यों ज़रूरी है?
- Google के अनुसार, आने वाले 5 सालों में भारत में AI सेक्टर में 1 करोड़ से ज़्यादा नई नौकरियाँ निकलेंगी।
- CBSE भारत का पहला बोर्ड बना जिसने स्कूल स्तर पर AI को वैकल्पिक विषय के रूप में जोड़ा।
- भारत सरकार ने “Responsible AI for Youth” नाम का एक अलग प्रोग्राम भी शुरू किया है।
- कई प्राइवेट स्कूलों में बच्चे 10 साल की उम्र में AI बेस्ड गेम्स खुद बना रहे हैं।
- 2024 में, भारत ने पहला AI टूल “AI for India” स्कूल स्टूडेंट्स के लिए लॉन्च किया।
- MIT और IIT जैसे संस्थान अब AI इनिशिएटिव्स में स्कूल स्टूडेंट्स को फेलोशिप देने लगे हैं।
- AI सिखाने से बच्चों का मैथ्स स्कोर 30% तक सुधर सकता है, ऐसा रिसर्च में पाया गया है।
- कुछ सरकारी स्कूलों में AI पढ़ाने के लिए ChatGPT जैसे टूल्स का ट्रेनिंग में उपयोग हो रहा है।
- UNESCO ने भारत की AI शिक्षा नीति की तारीफ की है।
- AI को समझने वाले बच्चे भविष्य में साइबरबुलिंग और गलत टेक यूज़ से भी खुद को बचा सकते हैं।
Conclusion: बच्चों को AI सिखाना क्यों ज़रूरी है?
तो दोस्तों, अब ये समय नहीं रह गया कि AI को सिर्फ बड़ों का विषय समझा जाए। ये वो दौर है जहां अगर बच्चों को बचपन से ही AI सिखाया जाए तो वो न सिर्फ अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं बल्कि देश के भविष्य को भी। भारत सरकार की SOAR योजना इसी दिशा में एक ठोस और जरूरी कदम है।